साथियों नमस्कार,
आज के इस Topic में आप पढेंगे ऐसी शानदार Motivational Story in Hindi जो आपकी ज़िन्सदगी में एक सकारात्मक बदलाव लेन में मदद करेगी| साथियों, की ज़िन्दगी में एक वक़्त ऐसा आता है जब हमें हमारी ज़िन्दगी में किसी प्रेरणा की सबसे ज्यादा ज़रूरत होती है|
ये वो वक़्त होता है जब हम अपनी ज़िन्दगी में बहुत कुछ हांसिल करना चाहते हैं लेकिन कॉन्फिडेंस की कमी की वजह से हम हमारे लक्ष्य से बस एक कदम दूर रह जाते है|
दोस्तों, इसी परेशानी को दुइर करने के लिए आज Hindi Short Stories आपके लिए शानदार मोटीवेशनल कहानियां लेकर आया है जिन्हें पढ़कर आप खुद को कॉंफिडेंट महसूस करेंगे|
दो बच्चों की कहानी
Best Motivational Story in
Hindi. 2020-21
यह कहानी है दो बच्चों की जो एक गाँव में रहते थे| बड़ा बच्चा 10 साल का था और छोटा 7 साल का| दोनों हमेशा एक दुसरे के साथ रहते, एक दुसरे के साथ खेलते और एक दुसरे के साथ ही घूमते| एक दिन दोनों खेलते-खेलते गाँव से थोड़ा दूर निकल आए| अचानक खेलते-खेलते 10 साल के बच्चे का पैर फिसल गया और वह कुए में गिर गया और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगा| अपने दोस्त की आवाज़ सुनकर जब छोटे बच्चे को इस बात का पता चला तो वह बहुत घबराया| उसने अपने आस-पास देखा और मदद के लिए चिल्लाया| लेकिन वहां आसपास कोई नहीं था जो उसकी मदद कर सकता था|
अचानक उसकी नज़र पास ही पड़ी एक बाल्टी पर पड़ी, जिस पर एक रस्सी बंधी थी| उसने बिना कुछ सोचे वह रस्सी कुए में फेकी और अपने दोस्त को उस रस्सी को पकड़ने को बोला| अगले ही पल वह 7 साल का बच्चा उस 10 साल के बच्चे को पागलों की तरह कुए से बाहर निकालने के लिए खिंच रहा था| उस छोटे से बच्चे ने अपने दोस्त को कुए से बहार निकालने के लिए अपनी पूरी जान लगा दी| आखिरकार वह बच्चा अपने दोस्त को बचाने में कामियाब हुआ और उसने अपने दोस्त को कुए से बाहर निकाल लिया|
यह भी पढ़े :-
लेकिन उन्हें असली डर तो इस बात का था की जब वो गाँव जाएँगे तो उन्हें बहुत मार पड़ने वाली है| खैर, दोनों डरते-डरते गाँव पहुंचे और उन्होंने गाँव वालों को खेलते-खेलते कुए में गिरने और रस्सी के सहारे छोटे बच्चे द्वारा बड़े बच्चे को बाहर निकालने वाली पूरी बात बता दी| लेकिन गाँव वालों ने उनकी बात पर विश्वास नहीं किया और हसने लगे कि आखिर एक 7 साल का बच्चा एक 10 साल के बच्चे को रस्सी के सहारे कुए से बहार कैसे निकाल सकता है|
लेकिन वहां मौजूद एक बुजुर्ग ने उन बच्चों की बातों का भरोसा कर लिया| उन्हें सब “करीम चाचा” कहते थे| करीम चाचा गाँव के सबसे समझदार बुजुर्गों में से एक थे| गाँव वालों को जब करीम चाचा के बच्चों की बात पर विश्वास करने की बात पता चली तो सब इक्कठे होकर करीम चाचा के पास पहुंचे और बोले “चाचा! हमें तो बच्चों की बात पर यकीन नहीं हो रहा है, आप ही बता दो की ऐसा कैसे हो सकता है| गाँव वालों की बात सुनकर करीम चाचा बोले, “बच्चे बता तो रहें हैं उन्होंने यह कैसे किया| बच्चे ने कुए में रस्सी फेंकी और दुसरे बच्चे को ऊपर खीच लिया|
गाँव वालों को कुछ समझ नहीं आ रहा था| कुछ देर बाद करीम चाचा मुस्कुराए और बोले, “सवाल ये नहीं है की बच्चे ने यह कैसे किया, सवाल यह है की वह यह कैसे कर पाया| और इसका सिर्फ एक ज़वाब है की जिस वक़्त वह बच्चा यह कर रहा था उस वक़्त उसको वहां यह बताने वाला कोई नहीं था की तू यह नहीं कर सकता| यहाँ तक की वह बच्चा खुद भी नहीं|
तो दोस्तों कहानी का सार यही है कि, “अगर अपने दिल की सुनोगे तो ज़िन्दगी में हमेशा सफल रहोगे और अगर दुनियां की सुनोगे तो तुम भी दुनियां की भीड़ में कहीं खो जाओगे|”
धन्यवाद 👍.
Comments
Post a Comment