अटल बिहारी वाजपेयी की कविता।अटल बिहारी वाजपेयी की कविता हिंदी में।अटल बिहारी वाजपेयी की कविता इन हिंदी ।
नमस्कार दोस्तों, अटल बिहारी वाजपेयी की कविता : आओ फिर से दिया जलाएं - आओ फिर से दिया जलाएँ -अटल बिहारी वाजपेयी आओ फिर से दिया जलाये आओ फिर से दिया जलाएँ भरी दुपहरी में अंधियारा सूरज परछाई से हारा अंतरतम का नेह निचोड़ें- बुझी हुई बाती सुलगाएँ। आओ फिर से दिया जलाएँ हम पड़ाव को समझे मंज़िल लक्ष्य हुआ आंखों से ओझल वतर्मान के मोहजाल में- आने वाला कल न भुलाएँ। आओ फिर से दिया जलाएँ। कलम हिंदी कविता - रामधारी सिंह दिनकर आहुति बाकी यज्ञ अधूरा अपनों के विघ्नों ने घेरा अंतिम जय का वज़्र बनाने- नव दधीचि हड्डियां गलाएँ। आओ फिर से दिया जलाएँ धन्यवाद 👍