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अटल बिहारी वाजपेयी की कविता।अटल बिहारी वाजपेयी की कविता हिंदी में।अटल बिहारी वाजपेयी की कविता इन हिंदी ।

  नमस्कार दोस्तों,                अटल बिहारी वाजपेयी की कविता : आओ फिर से दिया जलाएं -   आओ फिर से दिया जलाएँ -अटल बिहारी वाजपेयी आओ फिर से दिया जलाये आओ फिर से दिया जलाएँ  भरी दुपहरी में अंधियारा  सूरज परछाई से हारा  अंतरतम का नेह निचोड़ें- बुझी हुई बाती सुलगाएँ।  आओ फिर से दिया जलाएँ  हम पड़ाव को समझे मंज़िल  लक्ष्य हुआ आंखों से ओझल  वतर्मान के मोहजाल में- आने वाला कल न भुलाएँ।  आओ फिर से दिया जलाएँ। कलम हिंदी कविता - रामधारी सिंह दिनकर   आहुति बाकी यज्ञ अधूरा  अपनों के विघ्नों ने घेरा  अंतिम जय का वज़्र बनाने- नव दधीचि हड्डियां गलाएँ।  आओ फिर से दिया जलाएँ   धन्यवाद 👍

हिंदी कविता संग्रह।हिंदी कविता प्रकृति।हिंदी कविता वीर रस। Hindi poem ।रामधारी सिंह दिनकर की कविता।

  नमस्कार दोस्तों,                  आज हम कविता पढ़ेंगे ।और वो भी कवियों द्वारा लिखी गई कविताओं को हम पढ़ेंगे।और आज हम सबसे ज्यादा प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता पढ़ेंगे। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविताएं ( ramdhari singh dinkar poems in hindi )  वीरता, विद्रोह और क्रांति के शब्दों से भरी हुई हैं। रामधारी सिंह दिनकर जी की कविताएं व्यक्ति को निराशावाद से आशावाद की ओर ले जाती हैं। दिनकर जी द्वारा लिखित कविताओं में से महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध कविताएं और कविताओं के अंश यहां ( ramdhari singh dinkar poems ) प्रस्तुत किए गए हैं।      ~ कलम, आज उनकी जय बोल ~ कलम जला अस्थियाँ बारी-बारी चिटकाई जिनमें चिंगारी, जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर लिए बिना गर्दन का मोल कलम, आज उनकी जय बोल। जो अगणित लघु दीप हमारे तूफानों में एक किनारे, जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल कलम, आज उनकी जय बोल। पीकर जिनकी लाल शिखाएँ उगल रही सौ लपट दिशाएं, जिनके सिंहनाद से सहमी धरती रही अभी तक डोल कलम, आज उनकी जय बोल। अंधा चकाचौंध का मारा क्या जाने इतिहास बेचारा, साखी हैं उनकी महिमा के सूर्य चन्द्र भूगोल