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कारक किसे कहते हैं। कारक की परिभाषा ,भेद और उदाहरण। कर्ता कारक किसे कहते हैं।करण कारक किसे कहते हैं।


नमस्कार दोस्तों,




                     कारक क्या होते हैं उसके कितने भेद होते हैं।
आज हम आपको इस पोस्ट में एक बहुत ही फायदेमंद और महत्वपूर्ण जानकारी बताएंगे यह जानकारी आपके लिए बहुत ही फायदेमंद है. आज हम आपको इस पोस्ट में कारक के बारे में बताएंगे कारक क्या होते हैं. इसके कितने भेद होते हैं. इसके बारे में पूरी परिभाषा को हम उदाहरण सहित समझाएंगे. ताकि इससे आपको अच्छी तरह से समझ में आ सके क्योंकि आज का समय  लगभग एग्जाम का समय चल रहा है. और सभी स्टूडेंट्स चाहते हैं. कि वे जल्दी ही जल्दी इन चीजों को याद करें ताकि एग्जाम में ये सभी आसानी से लिख सके. लेकिन अगर आप सीधे पढ़कर एग्जाम में देने चले जाते हैं।

कारक ,परिभाषा और भेद
कारक ,परिभाषा और भेद

तो आपको वहां जाकर दिक्कत होती है. क्योंकि जब तक आप जानकारी को समझेंगे नहीं तब तक यह आपको याद नहीं होगी तो आज हम आपको इस पोस्ट में कारक के बारे में पूरी और विस्तार से जानकारी देंगे और आप इसको ध्यानपूर्वक पढ़िए ताकि आपको इस जानकारी का फायदा मिल सके और आपको एग्जाम देते समय किसी भी तरह की दिक्कत ना हो तो निचे हम आपको कारक के बारे में बता रहे हैं. तो आप देखिए

कारक क्या होते हैं. कारक के कितने भेद हैं.


क्रिया को करने वाला या क्रिया को पूरा करने में उसकी मदद करने वाला शब्द या चिन्ह कारक कहलाता है. ।

कारक किसे कहते हैं
कारक


या दूसरे शब्दों में अगर कहा जाए तो संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ होने का सीधा संबंध बताने वाला चिन्ह कारक कहलाता है.

 या संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से उस वाक्य का  किसी दूसरे वाक्य के साथ उसका संबंध दर्शाए उस चिन्ह को कारक कहा जाता है.

 यह परिभाषा शायद अब आपको अच्छे से समझ में आ गई होगी कि कारक क्या होता है तो अब हम आपको नीचे कारक के भेद बताएंगे कारक के आठ भेद होते हैं.
जैसा की हमने आपको ऊपर कारक की परिभाषा में बताया है संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ होने का सीधा संबंध बताने वाला चिन्ह है. कारक कहलाता है. कारक के आठ भेद हैं उनमें सभी में अलग-अलग जिन्हें प्रयुक्त होते हैं. उन चिह्न को विभक्ति कहते हैं.
 इन कारकों के चिन्हों या विभक्तियों को परसर्ग  भी कहा जाता है जैसे ने, में, को, से।

कारक के चिन्ह


कारक के आठ भेद होते हैं. और उन सभी भेदों के अलग-अलग चिन्ह होते हैं. जो की वाक्यों में प्रयोग होते हैं. तो नीचे हम आपको कारक के भेदों के चिन्हे बता रहे हैं.इससे आपको इन कारक के भेदों को समझने में बहुत ही आसानी होगी.तो देखिए 
  • कर्ता  –    ने
  • कर्म  –   को
  • करण  –   से (द्वारा)
  • सम्प्रदान  –     के लिए
  • अपादान  –  से
  • सम्बन्ध  –  का, की, के
  • अधिकरण  –   में, पर
  • सम्बोधन  –  हे, अरे

कारक के भेद


जैसा की हमने आपको ऊपर बताया कारक के आठ भेद होते हैं इनकी पूरी परिभाषा हम आपको नीचे उदाहरण सहित समझा रहे हैं. तो इसको ध्यान से पढ़िए.

कर्ता कारक


जिस शब्द से क्रिया को करने का पता चलता है. उस उसे कर्ता कारक कहते हैं. और यह हमेशा सर्वनाम या संख्या होता है इसका संबंध क्रिया से होता है उदाहरण के लिए

कर्ता कारक किसे कहते हैं
कर्ता कारक 

जैसे
उदाहरण :-
  • मोहित ने पानी पिया
  • सोहन ने दूध पिया
  • मोहन पुस्तक पढ़ता हैतो जैसा मैंने आपके ऊपर इसके 8 भेदों के चिन्ह बताएं हैं. तो उसमें कर्ता का चिन्ह (ने ) है.  तो इससे आप पता लगा सकते हैं. कि कर्ता ने कहां पर आया है. तो पानी मोहित ने पिया है तो कर्ता मोहित हुआ. यानि मोहित ने पानी पिया है. ना कि पानी ने मोहित को दिया है. तो कर्ता है.
यहाँ कर्ता के साथ ‘ने’ परसर्ग है. भूतकाल की सकर्मक क्रिया होने पर कर्ता के साथ ‘ने’ परसर्ग लगाया जाता है.
बिना परसर्ग  के – भूतकाल की अकर्मक क्रिया के साथ कभी भी परसर्ग ‘ने’ नही लगता.
जैसे –मोहित गया , मोहित गिरा
वर्तमान और भविष्यत काल में परसर्ग का प्रयोग नही होता ।
जैसे – बालक लिखता है (वर्तमान काल)
        मोहित घर जायेगा. (भविष्य काल)
मोहित अभी घर गया नहीं है. वह जाएगा तो इसके साथ कभी उपसर्ग नहीं आता है. यानी उसका पता नहीं है वह कब जाएगा.

अव्यय किसे कहते है पूरी जानकारी 

कर्म कारकH


जिस क्रिया के कर्ता  का फल पड़ने का पता कराने संज्ञा सर्वनाम को के रूप को कर्म कारक कहते है. इसका विभक्ति चिन्ह ‘को’ है.उदाहरण के लिए जैसे

उदाहरण :-
  • राम ने रावण को मारा
  • ने रावण को मारा
  • माता जी बालक को समझती है
कर्म कारक किसे कहते हैं
कर्म कारक


यहाँ मारने की क्रिया का फल रावण पर पड़ा है. यानी जिसके ऊपर कोई भी बात आती हो वह कर्म कारक कहलाता है. यहां पर रावण के ऊपर राम के मारने का रूप दर्शाया गया है.


करण कारक


जिस चीज के द्वारा काम संपन्न होता होगी या काम पूर्ण होता हुआ उसे करण कारक कहते हैं.यानी जिस चीज के द्वारा पता चले कि यह काम किस चीज से पूरा हुआ है. किसके द्वारा पूरा किया गया है उसे करण कारक कहते हैं

.उदाहरण के लिए जैसे

उदाहरण :-
  • बच्चा ठंड के द्वारा कांप रहा था
  • राम ने बाण से बालि को मारा
करण कारक किसे कहते हैं
करण कारक


तो यहां पर बच्चा ठंड के द्वारा कांप रहा है. या ठंड से बच्चा कांप रहा है. तो ठंड करण है. यानी वह बच्चा ठंड के कारण ही कांप रहा है और इस कारक का चिह्न से और द्वारा है. तो आप अगर किसी भी तरह से बोलते हैं. तो इशारा सिर्फ ठंड की तरफ ही होगा.

सम्प्रदान कारक


स कार्य को दर्शाने के लिए को या के लिए जिन्हें प्रयोग में लिया जाता है.यानी संप्रदान कारक का सीधा अर्थ है या तो किसी को कुछ दिया जाए या किसी के लिए कुछ किया जाए. इन दोनों बातों का बोध जिस भी चीज में होता है. वह संप्रदान कारक कहलाता है. यानि जिसे कुछ दिया जाए या जिसके लिए कुछ किया जाए उसका बोध कराने वाले संज्ञा के रुप को सम्प्रदान कारक कहते है. इसका विभक्ति चिन्ह ‘के लिए’ या ‘को’ है. 
उदाहरण के लिए जैसे

उदाहरण :-
  • यह पुस्तक सीता को दे दी
  • अध्यापक विद्यार्थियों के लिए पुस्तके लाया
सम्प्रदान कारक किसे कहते हैं
सम्प्रदान कारक 

यहां पर संप्रदान को है. तो यहां पर जो संप्रदान कारक है. वह सीता को दे दी से प्रदर्शित हो रहा है तो यहां पर को कारक चिह्न को प्रयोग में लिया गया है.

अपादान कारक    


संज्ञा के जिस रूप से किसी भी चीज के अलग होने का भाव उत्पन्न हो या बोध हो उसे अपादान कारक  कहते हैं. इसका विभक्ति चिन्ह से है वैसे तो विभक्ति चिन्ह से करण कारक का भी चिन्ह है. लेकिन इस कारक में से का अर्थ किसी चीज को अलग करना होगा. 

उदाहरण के लिए जैसे

उदाहरण :- पेड़ से पत्ता नीचे गिर गया

अपादान कारक किसे कहते है
अपादान कारक
तो इस उदाहरण में पत्ता पेड़ से गिरकर अलग हो रहा है. यानी यह अपादान कारक है. क्योंकि इसमें पत्ता अलग हो रहा है. और अलग हो रहा है. उसका वह अपादान कारक होता है. इसके अलावा अपरदन कारक का  निकलने ,सीखने ,डरने, लजाने अथवा तुलना करने के भाव में भी इसका उपयोग होता है.जैसे
  • निकलने के अर्थ में –      सूरज पश्चिम से निकलता है.
  • डरने के अर्थ में –          सुरेश शेर से डरता है.
  • सीखने के अर्थ में –        विद्यार्थी अध्यापक से सीखते है.
  • लजाने के अर्थ में –            वह ससुर से लजाती है
  • तुलना के अर्थ में –          सोनू मोनू से चतुर है.
  • दूरी के अर्थ में –            चंद्रमा हमारी पृथ्वी से दूर है.

सम्बन्ध कारक


जैसा की आपको इस कारक के नाम से ही पता चल रहा है. कि यह किसी के संबंध को बता रहा है. यानी संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से किसी वाक्य या किसी दूसरी चीज का आपस में संबंध प्रकट हो उसे संबंध कारक कहते हैं.इस कारक के चिन्ह है. का, के, की, ना, ने, नो, रा, रे, री आदि है.

सम्बन्ध कारक किसे कहते है
सम्बन्ध कारक 


 उदाहरण के लिए जैसे

उदाहरण :-
  • यह कुत्ता राम का है
  • यह मोहन का घर है
यानी इस वाक्य में कुत्ते का संबंध राम के साथ है. यानी यह कुत्ता राम का है. यानी इस वाक्य में का के कारण राम और कुत्ते का संबंध आपस में प्रकट हो रहा है. उसका संबंध कारक का चिन्ह है. तो यह संबंध कारक हुआ इसी तरह से जैसे
  • मेरा घर दिल्ली में हैं.
  • बालक गेंद से खेल रहे है.
  • राजा दशरथ के चार बेटे थे.

अधिकरण कार


इस कारक में समय, स्थान या किसी अवसर आदि का बोध होता है, यानि  किसी संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से किसी क्रिया के आधार का बोध हो उसे अधिकरण कारक कहते हैं. इसका विभक्ति चिह्न ‘का’, ‘के’, ‘की’ है

अधिकरण कारक किसे कहते है
अधिकरण कारक 

 उदाहरण के लिए जैसे

उदाहरण :-
  • जब मैं कमरे में गया तो कमरे में अंधेरा था
  • वीर सैनिक युद्धभूमि में मार गया
तो जब मैं कमरे में गया तो अंधेरा कहां पर था कमरे में तो इस वाक्य में अधिकरण कारक में से दर्शाया गया है. यानी कमरे में अंधेरा था तो इस वाक्य में कारक चिन्ह में  को प्रयोग लिया गया है.

सम्बोधन कारक


संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से किरिया को किसी के संबोधन का बोध हो उसे संबोधन कारक कहते हैं. जैसे कि किसी को पुकारा बुलाया जाए. इसमें ‘हे’, ‘अरे’ का प्रयोग किया जाता है.उदाहरण के लिए जैसे
उदाहरण :-
  • हे अर्जुन तुम्हें यह कार्य करना चाहिए
  • हे ईश्वर हमारी रक्षा करो
सम्बोधन कारक किसे कहते है
सम्बोधन कारक 

यानी इस वाक्य में हे अर्जुन को संबोधित कर रहा है. जैसे हे अर्जुन तुम्हें यह कार्य करना चाहिए तो इस वाक्य में हे से अर्जुन को संबोधित किया जा रहा है. तो हे संबोधित कारक का चिन्ह है तो यह संबोधित कारक हुआ।

यह भी पढ़े :-



आज हमने आपको इस पोस्ट में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और बढ़िया जानकारी बताई है. हमने आज आपको इस पोस्ट में कारक क्या होते हैं और इसके कितने भेद होते हैं कारक किसे कहते है और इसके भेद उदाहरण सहित कारक अभ्यास कारक संस्कृत कर्ता कारक के उदाहरण कर्ता कारक Example Karak Hindi Grammar Exercises  Apadan Karak Karak Hindi Grammar Exercises With Answers कारक किसे कहते है ?इसके कितने भेद है ? कारक कितने हैं के बारे में पूरी और विस्तार से जानकारी दी है. तो यदि आप इस जानकारी को अच्छे तरीके से पढ़ते हैं. तो निश्चित रूप से यह आपको एक बार पढ़ने से ही याद हो जाएगी और आपको एग्जाम देते समय किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी तो आप को यदि हमारे द्वारा बताई गई यह जानकारी पसंद आए तो शेयर करना ना भूलें और यदि आपका इसके बारे में कुछ सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं.


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