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अनुस्वार बिंदु क्या है । What is Anuswar Bindu ?

नमस्कार दोस्तों,



             आपको हिंदी वर्णमाला में सारी जानकारी अच्छे से प्राप्त हो रही होगी । आपको हम बहुत ही सरल और आसान तरीके से बता रहे है । आप उन्हें एक बार Read करके दोवारा भूल नही सकते है क्यूकी हिंदी वर्णमाला की समस्त जानकारी बहुत ही सरल  शब्दों में सिखायी जा रही है । आपको हर topic में अच्छे से समझाया जा रहा है और कुछ भी परेशानी या समस्या हो तो आप निश्चिन्त होकर पूछ सकते हो ।
हमने आपको हिंदी वर्णमाला में 
नीचे दिए गए topics के बारे में बताया है आप उन्हें दोवारा Read
करना चाहते है या पढ़ना चाहते है तो उन्हें Click कीजिये जिससे आप उन्हें दोवारा पढ़ सकते है ।


* हिंदी वर्णमाला क्या है  परिभाषा  और  भेद ,

*  हिंदी वर्णमाला में स्वर (Vowle) क्या होते है इनके क्या भेद है ।

* व्यंजन (Consonant) क्या होते इनके क्या भेद है ।

* हिंदी वर्णमाला में अघोष - सघोष क्या होते है

* हिंदी वर्णमाला में अल्पप्राण - महाप्राण क्या होते है इन्हें कैसे परिभाषित करते है ।

* हिंदी वर्णमाला में विसर्ग क्या होता है  इसकी क्या परिभाषा है और इसका उदाहरण क्या है।

अब आपको Next Topic के बारे में बताते है आपका Next Topic है - 

*  अनुस्वार विंदु क्या है ? इसकी परिभाषा क्या है ।


हिंदी वर्णमाला में अनुस्वार बिंदु क्या होता है।
अनुस्वार बिंदु

तो अब हम बात करते है अपने इस topic के बारे में - 

अनुस्वार (बिंदु) की परिभाषा -

बिंदु (अनुस्वार) वे शब्द जिनका उच्चारण नाक से होता है, उन्हे अनुस्वार कहते हैं। जैसे = पंख। अनुस्वार एक उच्चारण की मात्रा है, जो अधिकांश भारतीय लिपियों में प्रयुक्त होती है। अनुस्वार स्वर के बाद आने वाला व्यंजन है। इसकी ध्वनि नाक से निकलती है।, अतः इसे नसिक या अनुनासिक कहते हैं। इसको कभी-कभी म (और अन्य) अक्षरों द्वारा भी लिखते हैं। इसका प्रयोग पंचम वर्ण के स्थान पर होता है।इसका चिन्ह (ं) है।जैसे- सम्भव=संभव, सञ्जय=संजय, गड़्गा=गंगा।
जैसे: कंबल ~ कम्बल; इंफाल ~ इम्फाल इत्यादि। देवनागरी में इसे, उदाहरण-स्वरूप, क पर लगाने से कं लिखा जाता है।

पंचम वर्णों के स्थान पर -

अनुस्वार (ं) का प्रयोग पंचम वर्ण ( ङ्, ञ़्, ण्, न्, म् - ये पंचमाक्षर कहलाते हैं) के स्थान पर किया जाता है।

जैसे -
गड्.गा - गंगा
चञ़्चल - चंचल
झण्डा - झंडा
गन्दा - गंदा
कम्पन – कंपन

अनुस्वार शब्द -

धूल- सुन्दर, पंक्ति, चकाचौंध, श्रृंगार, संसर्ग, वंचित, गंध, उपरांत, सौंदर्य, संस्कृति।
दुःख का अधिकार- बंद, बंधन , पतंग, संबंध, ज़िंदा, नंगा, अंदाज़ा, संभ्रांत।
एवरेस्ट मेरी  शिखर यात्रा- कैंप, अधिकांश, संपूर्ण, सुन्दर, रंगीन, तंबू, नींद, ठंडी, पुंज, हिमपिंड, अत्यंत, कुकिंग, सिलिंडर, चिंतित, कौंधा, शंकु, लंबी, आनंद।
कीचड़ का काव्य- पसंद, गंदा, रौंदते, सींगो, खंभात, पंकज, कंठ।
धर्म की आड़- भयंकर, प्रपंच, शंख।
शुक्रतारे के समान- मंडल, मंत्री, सौंप, संक्षिप्त, अंग्रेजी, प्रशंसक, संचालक, ग्रंथकार, धुरंधर, संपन्न।


तो दोस्तों आपको केसी लगी यह पोस्ट आप Comment करके  बताइये ।और अगले Topic के लिए तैयार रहिये । और आप इन Topic को Repeat भी करते रहिए ताकि आप इन topic को भूल नही । इसके अलावा आप हमारे blogger पर Motivational Story भी पढ़ सकते है जो आपको हर Time Motivate रखेगी ।


         धन्यवाद 👍

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